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Showing posts from August, 2022

माता कैकई किनकी पुत्री थीं?

                               प्रश्न : माता कैकई किनकी पुत्री थीं? उत्तर: पिता : अश्वपति , माता : शुभलक्षणा वाल्मीकि रामायण / अयोध्या कांड / ७४ सर्ग / श्लोक ९ द्वारा अनुज मिश्रा

महाराज दशरथ की मृत्यु प्रभु श्रीराम के वनवास के कितने दिनों के पश्चात हुई थी?

                              प्रश्न : महाराज दशरथ की मृत्यु प्रभु श्रीराम के वनवास के कितने दिनों के पश्चात हुई थी? उत्तर: महाराज दशरथ की मृत्यु प्रभु श्रीराम के वनवास के छठे दिन हुई थी | वाल्मीकि रामायण / अयोध्या कांड / ६३ सर्ग / श्लोक ४ द्वारा अनुज मिश्रा

महाराज दशरथ के मृत्यु का आभाष कुमार भरत को कैसे हुआ था?

                              प्रश्न : महाराज दशरथ के मृत्यु का आभाष कुमार भरत को कैसे हुआ था? उत्तर: कुमार भरत को स्वप्न में महाराज दशरथ विकृत स्थिति में और गधे से जूते हुए रथ पर सवार दिखाई दिए थे जिसका मतलब मृत्यु सूचक बताया गया है | वाल्मीकि रामायण / अयोध्या कांड / ६९ सर्ग / श्लोक १७, १८ द्वारा अनुज मिश्रा

महाराज दशरथ के मृत्यु के उपरांत कुमार भरत का राज्याभिषेक क्यों अनिवार्य था?

                             प्रश्न : महाराज दशरथ के मृत्यु के उपरांत कुमार भरत का राज्याभिषेक क्यों अनिवार्य था? उत्तर: हमारे धर्मग्रन्थ में राजा का होना अनिवार्य बताया गया है क्यों कि राजा सत्य और धर्म के प्रवर्तक होते हैं और राजा के अभाव में धर्म और सत्य दोनों कि ही हानि होती है | वाल्मीकि रामायण / अयोध्या कांड / ६७ सर्ग / श्लोक ३३ द्वारा अनुज मिश्रा

महाराज दशरथ के मृत शरीर को किस विधि से सुरक्षित रखा गया था?

                             प्रश्न : महाराज दशरथ के मृत शरीर को किस विधि से सुरक्षित रखा गया था? उत्तर: महाराज दशरथ के मृत शरीर को औषधियुक्त तेल में रखकर सुरक्षित किया गया था | वाल्मीकि रामायण / अयोध्या कांड / ६६ सर्ग / श्लोक १४,२७ द्वारा अनुज मिश्रा

महाराज दशरथ के मृत्यु के समय उनके कोई भी पुत्र वहां उपस्थित क्यों नही थे?

                             प्रश्न : महाराज दशरथ के मृत्यु के समय उनके कोई भी पुत्र वहां उपस्थित क्यों नही थे? उत्तर: महाराज दशरथ के मृत्यु के समय चारों पुत्रों में से कोई भी उपस्थित नहीं थे क्यों कि प्रभु श्रीराम , कुमार लक्ष्मण जी वन को चले गए थे और कुमार भरत और कुमार शत्रुघ्न अपने मामा के घर कैकईदेश को गए थे | वाल्मीकि रामायण / अयोध्या कांड / ६७ सर्ग / श्लोक ७ द्वारा अनुज मिश्रा

महाराज दशरथ को ऋषि के द्वारा मृत्यु का श्राप क्यों मिला था?

                           प्रश्न : महाराज दशरथ को ऋषि के द्वारा मृत्यु का श्राप क्यों मिला था? उत्तर: महाराज दशरथ के द्वारा अपने पुत्र का वध होने के कारण ऋषि श्राप दिए थे कि जिस तरह से हम पुत्र के वियोग में शोकाकुल हैं तुम भी पुत्र के वियोग में शोकाकुल रहोगे जिससे तुम्हारी मृत्यु होगी | वाल्मीकि रामायण / अयोध्या कांड / ६४ सर्ग / श्लोक ५४ द्वारा अनुज मिश्रा

अनजाने में, अज्ञानतावस् या गलती से भी किए गए पाप का फल भुगतना ही पड़ता है

                                                                                        प्रश्न : अनजाने से भी किए गए पाप का फल भुगतना ही पड़ता है उत्तर: अनजाने में, अज्ञानतावस् या गलती से किया गया पाप का भी फल भुगतना पड़ता है वैसे ही जैसे अगर कोई शिशु अनजाने से या गलती से विष पान कर ले तो भी मृत्यु होती है | वाल्मीकि रामायण / अयोध्या कांड / ६३ सर्ग / श्लोक १२, १३ द्वारा अनुज मिश्रा

प्रभु श्रीराम के पिता महाराज दशरथ के माता और पिता कौन थे?

                                                                                       प्रश्न : प्रभु श्रीराम के पिता महाराज दशरथ के माता और पिता कौन थे? उत्तर: महाराज दशरथ के पिता : महाराज अज और माता : इंदुमती द्वारा अनुज मिश्रा

पितृपक्ष क्या अशुभ कालखंड? इस कालखंड में शुभ या नए कार्य की मनाही क्यों?

  अपने सनातन धर्म को समझकर प्रचार और प्रसार करें || जय सनातन || द्वारा अनुज मिश्रा

महाराज दशरथ का वह कला जो उनके श्राप का कारण बना था

                                                                                      प्रश्न : महाराज दशरथ का वह कला जो उनके श्राप का कारण बना था उत्तर: शब्दवेधी / शब्दभेदी वाल्मीकि रामायण / अयोध्या कांड / ६३ सर्ग द्वारा अनुज मिश्रा

महाराज दशरथ किसके समक्ष अपना प्राण त्यागे थे?

                                                                                      प्रश्न : महाराज दशरथ किसके समक्ष अपना प्राण त्यागे थे? उत्तर: माता कौशल्या और माता सुमित्रा वाल्मीकि रामायण / अयोध्या कांड / ६४ सर्ग / श्लोक ७७ द्वारा अनुज मिश्रा

हमारे धर्मग्रंथ में शोक को सबसे बड़ा शत्रु क्यों बताया गया है?

                                                                                      प्रश्न : हमारे धर्मग्रंथ में शोक को सबसे बड़ा शत्रु क्यों बताया गया है? उत्तर: शोको नाशयते धैर्यं, शोको नाशयते श्रुतम्। शोको नाशयते सर्वं,नास्ति शोकः समो रिपुः।। शोक धैर्य को समाप्त कर देता है,शोक शास्त्रीय ज्ञान को समाप्त कर देता है।शोक सर्वस्व समाप्त कर देता है,शोक के समान कोई दूसरा शत्रु नहीं है। वाल्मीकि रामायण / अयोध्या कांड / ६२ सर्ग / श्लोक १५ द्वारा अनुज मिश्रा

आजादी का अमृत महोत्सव २०२२

                                                                                      आजादी का अमृत महोत्सव २०२२   द्वारा अनुज मिश्रा

प्रभु श्रीराम अपने बाहुबल से अयोध्या के राजा बन सकते थे परंतु वे वन जाना उचित क्यों समझे ?

                                                                                      प्रश्न : प्रभु श्रीराम अपने बाहुबल से अयोध्या के राजा बन सकते थे परंतु वे वन जाना उचित क्यों समझे ? उत्तर: क्यों की जो धर्मात्मा पुरे विश्व को धर्म में लगते हैं, वे स्वयं पिता का आज्ञा का पालन न करके और वन में न जाकर अधर्म कैसे कर सकते थे ! वाल्मीकि रामायण / अयोध्या कांड / ६१ सर्ग / श्लोक २० द्वारा अनुज मिश्रा

प्रभु श्रीराम अपने भाई कुमार भरत को क्या संदेश भेजे थे?

                                                                                     प्रश्न : प्रभु श्रीराम अपने भाई कुमार भरत को क्या संदेश भेजे थे? उत्तर: आप उन्हें राजसिंहासन से नहीं उतारेंगे और युवराज पद पर रहकर महाराज की आज्ञा का पालन करेंगे | वाल्मीकि रामायण / अयोध्या कांड / ५८ सर्ग / श्लोक २३ द्वारा अनुज मिश्रा

प्रभु श्रीराम मंत्री सुमंत्र के द्वारा अयोध्यावासियों के लिए क्या संदेश भेजवाए थे?

                                                                                    प्रश्न : प्रभु श्रीराम मंत्री सुमंत्र के द्वारा अयोध्यावासियों के लिए क्या संदेश भेजवाए थे? उत्तर: सबलोग कुमार भरत से राज्योचित ब्यवहार करें क्यों अगर राजा उम्र में छोटे भी हैं तो भी पूज्यनीय होते हैं | वाल्मीकि रामायण / अयोध्या कांड / ५८ सर्ग / श्लोक २० द्वारा अनुज मिश्रा

वनवास के दौरान माता सीता अक्षयवट (श्यामवट) से क्या प्रार्थना किए थे?

                                                                                   प्रश्न : वनवास के दौरान माता सीता अक्षयवट (श्यामवट) से क्या प्रार्थना किए थे? उत्तर: हमसब सकुशल वनवास काल समाप्त कर अयोध्या को लौट आएं तथा माताओं का आशीर्वाद पाएं | वाल्मीकि रामायण / अयोध्या कांड / ५ ५ सर्ग / श्लोक २४, २५ द्वारा अनुज मिश्रा

Shiva Samudram Water Fall in Karnataka (India)

  Shiva Samudram Water Fall in Karnataka (India) By Anuj Mishra (अनुज मिश्रा)

प्रभु श्रीराम के पीछे गुप्तचर क्यों और किन्होंने भेजा था?

  प्रश्न: प्रभु श्रीराम के पीछे गुप्तचर क्यों और किन्होंने भेजा था? उत्तर : निषादराज गुह ने मंत्री सुमंत्र के कहने पर वाल्मीकि रामायण / अयोध्या कांड / ५७ सर्ग / श्लोक २ द्वारा अनुज मिश्रा

चित्रकूट धाम का महता ( विशेषता) क्या है?

                                                                                  प्रश्न : चित्रकूट धाम का महता ( विशेषता) क्या है? उत्तर: चित्रकूट धाम के दर्शनमात्र से ही पाप करने का विचार समाप्त हो जाता है | वाल्मीकि रामायण / अयोध्या कांड / ५४ सर्ग / श्लोक ३० द्वारा अनुज मिश्रा

महर्षि वाल्मिकी प्रभु श्रीराम से सर्वप्रथम कब और कहां मिले थे?

                                                                                 प्रश्न : महर्षि वाल्मिकी प्रभु श्रीराम से सर्वप्रथम कब और कहां मिले थे? उत्तर: प्रभु श्रीराम, महर्षि वाल्मीकि से सर्वप्रथम चित्रकूट आश्रम में मिले थे अपने वनवास काल के समय | वाल्मीकि रामायण / अयोध्या कांड / ५६ सर्ग / श्लोक १६ द्वारा अनुज मिश्रा

प्रभु श्रीराम के मन में माता कैकई के प्रति संदेह का कारण क्या था?

                                                                                प्रश्न : प्रभु श्रीराम के मन में माता कैकई के प्रति संदेह का कारण क्या था? उत्तर: प्रभु श्रीराम चाहते थे की उनकी वजह से लक्ष्मण वन में नहीं जाएँ और अयोध्या को लौट जाएँ। वाल्मीकि रामायण / अयोध्या कांड / ५३ सर्ग / श्लोक ६ - २६ द्वारा अनुज मिश्रा

वह पेड़ (वृक्ष) जाहां पर माता सीता मन्नत मानी थी उसका नाम क्या था?

                                                                                  प्रश्न : वह पेड़ (वृक्ष) जाहां पर माता सीता मन्नत मानी थी उसका नाम क्या था? उत्तर: अक्षयवट ( श्यामवट ) वाल्मीकि रामायण / अयोध्या कांड / ५४ सर्ग / श्लोक ६-७ द्वारा अनुज मिश्रा

प्रभु श्रीराम का चित्रकूट प्रस्थान के पूर्व भरद्वाज मुनि का स्वस्तिवाचन

                                                                                  प्रश्न : प्रभु श्रीराम का चित्रकूट प्रस्थान के पूर्व भरद्वाज मुनि का स्वस्तिवाचन उत्तर: भरद्वाज मुनि प्रभु श्रीराम का स्वस्तिवाचन ऐसे किये जैसे कोई पिता अपने औरस पुत्र को करता है वाल्मीकि रामायण / अयोध्या कांड / ५५ सर्ग / श्लोक २ द्वारा अनुज मिश्रा

प्रभु श्रीराम जी को चित्रकूट में रहने का विचार किनके कहने से आया था?

                                                                                  प्रश्न : प्रभु श्रीराम जी को चित्रकूट में रहने का विचार किनके कहने से आया था? उत्तर: भरद्वाज मुनि वाल्मीकि रामायण / अयोध्या कांड / ५४ सर्ग / श्लोक ३२ द्वारा अनुज मिश्रा

भरद्वाज मुनि का अनुरोध और प्रभु श्रीराम का अनुरोध स्वीकार नही करने का कारण

                                                                                  प्रश्न : भरद्वाज मुनि का अनुरोध और प्रभु श्रीराम का अनुरोध स्वीकार नही करने का कारण उत्तर: प्रभु श्रीराम नहीं चाहते थे कि उनकी वजह से लोग आश्रम में आते रहें जिससे भरद्वाज मुनि का क्रिया कलाप में विघ्न पड़े और उनको असुविधा हो | वाल्मीकि रामायण / अयोध्या कांड / ५४ सर्ग / श्लोक २२ - २६ द्वारा अनुज मिश्रा

भरद्वाज मुनि आतिथ्य सत्कार में प्रभु श्रीराम को क्या अर्पित किए थे?

                                                                                 प्रश्न : भरद्वाज मुनि आतिथ्य सत्कार में प्रभु श्रीराम को क्या अर्पित किए थे? उत्तर: गौ और अर्ध्य वाल्मीकि रामायण / अयोध्या कांड / ५४ सर्ग / श्लोक १७ द्वारा अनुज मिश्रा

सत्वगुण, रजगुण, तमगुण इनकी विशेषता क्या है?

                                                                               प्रश्न : सत्वगुण, रजगुण, तमगुण इनकी विशेषता क्या है? उत्तर: सत्त्वगुण : जो सर्वदा दूसरों के भला सोचे। रजगुण : जो पहले अपना भला और बाद में दूसरों का भला सोचे। तमगुण : जो सिर्फ अपना भला सोचे चाहे इसके लिए दूसरों को हानि ही क्यों न हो। द्वारा अनुज मिश्रा