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Showing posts from March, 2022

प्रभु श्रीराम महर्षि विश्वामित्र की यज्ञ की रक्षा के लिए कौन कौन से अस्त्रों का इस्तेमाल किए थे?

                          प्रश्न : प्रभु श्रीराम महर्षि विश्वामित्र की यज्ञ की रक्षा के लिए कौन कौन से अस्त्रों का इस्तेमाल किए थे? उत्तर: मारीच को मानवास्त्र से डराया गया था | सुबाहु को आग्नेयास्त्र से मारा गया था | बाकि सभी राक्षसों को वायब्यास्त्र से मारा गया था | वाल्मीकि रामायण / बालकाण्ड / ३० सर्ग/ श्लोक १९ , २०, २१   द्वारा: अनुज मिश्रा 

महर्षि विश्वामित्र की बहन कौन थीं और आज भी वे हमारे बीच किस रूप में विराजमान हैं ?

                         प्रश्न : महर्षि विश्वामित्र की बहन कौन थीं और आज भी वे हमारे बीच किस रूप में विराजमान हैं ? उत्तर: महर्षि वाल्मीकि की बहन का नाम था सत्यवती या कौशिकी जो की आज भी हमारे बीच कौशिकी नदी के रूप में विराजमान हैं | वाल्मीकि रामायण / बालकाण्ड / ३४ सर्ग/ श्लोक ६ , ७   द्वारा: अनुज मिश्रा 

प्रभु श्रीराम ने महर्षि वाल्मिकी की यज्ञ की रक्षा कितने दिनों तक किए थे ?

                        प्रश्न : प्रभु श्रीराम ने महर्षि वाल्मिकी की यज्ञ की रक्षा कितने दिनों तक किए थे ? उत्तर: प्रभु श्रीराम और श्री लक्ष्मण ६ दिन और ६ रात बिना सोये महर्षि विश्वामित्र जी की यज्ञ की रक्षा किये थे | वाल्मीकि रामायण / बालकाण्ड / तीसवां सर्ग/ श्लोक ४, ५ द्वारा: अनुज मिश्रा 

प्रभु श्रीराम के जन्म के समय महाराज दशरथ की आयु कितनी थी ?

                       प्रश्न : प्रभु श्रीराम के जन्म के समय महाराज दशरथ की आयु कितनी थी ? उत्तर: प्रभु श्रीराम के जन्म के समय महाराज दशरथ की आयु करीब करीब ६०००० वर्षों की थी | वाल्मीकि रामायण / बालकाण्ड / बीसवां सर्ग / श्लोक १०.५ द्वारा: अनुज मिश्रा 

प्रभु श्रीराम अपनी माता कौशल्या के गर्भ से कितने महीनों के पश्चात जन्म लिए?

                      प्रश्न : प्रभु श्रीराम अपनी माता कौशल्या के गर्भ से कितने महीनों के पश्चात जन्म लिए? उत्तर: प्रभु श्रीराम ११ महीने अपने माता कौशल्या के गर्भ में रहकर १२ वें महीना में जन्म लिए | वाल्मीकि रामायण / बालकाण्ड / अठरहवाँ सर्ग / श्लोक ८, ९, १० द्वारा: अनुज मिश्रा 

महर्षि वाल्मिकी रचित रामायण को सर्वप्रथम किनको सुनाया गया था?

                     प्रश्न : महर्षि वाल्मिकी रचित रामायण को सर्वप्रथम किनको सुनाया गया था? उत्तर: महर्षि वाल्मिकी ने प्रभु श्रीराम और माता सीता के पुत्र लव और कुश को सुनाये थे | द्वारा: अनुज मिश्रा 

महाराज दशरथ द्वारा किया गया पुत्रेष्टि यज्ञ के मुख्य पुरोहित कौन थे?

                    प्रश्न : महाराज दशरथ द्वारा किया गया पुत्रेष्टि यज्ञ के मुख्य पुरोहित कौन थे? उत्तर: महर्षि विभाण्डक के पुत्र महर्षि ऋष्यश्रृंग | द्वारा: अनुज मिश्रा 

दान के साथ आदर का होना जरूरी क्यों है?

                   प्रश्न : दान के साथ आदर का होना जरूरी क्यों है? उत्तर: अनादर करके दान देने से दाता ही नष्ट हो जाता है इसीलिए कोई भी दान आदर पूर्वक देना चाहिए | द्वारा: अनुज मिश्रा 

उस धनुर्विद्या का नाम जिसमे शब्दों को सुनकर लक्ष्य को भेदा जाता है?

                  प्रश्न : उस धनुर्विद्या का नाम जिसमे शब्दों को सुनकर लक्ष्य को भेदा जाता है? उत्तर: शब्दभेदी दशरथ जी के अलावा श्री राम, श्री कृष्ण, अर्जुन, एकलव्य, गुरु द्रोण, बर्बरीक, पृथ्वी राज चौहान ये सभी शब्दभेदी धनुर्विद्या मे पारंगत थे| द्वारा: अनुज मिश्रा 

होली : रंगों का त्यौहार या संस्कारों का त्यौहार ?

         मग चिंतन अलंकरोति अंगानाम रंगानाम् विविधै शुभै: ! अल्हादयति हृदयँ होलिकोत्सव पावने !! होली-(क) शब्द का अर्थ- इसका मूल रूप हुलहुली (शुभ अवसर की ध्वनि) है जो ऋ-ऋ-लृ का लगातार उच्चारण है। आकाश के ५ मण्डल हैं, जिनमें पूर्ण विश्व तथा ब्रह्माण्ड हमारे अनुभव से परे है। सूर्य, चन्द्र, पृथ्वी का अनुभव होता है, जो शिव के ३ नेत्र हैं। इनके चिह्न ५ मूल स्वर हैं-अ, इ, उ, ऋ, लृ। शिव के ३ नेत्रों का स्मरण ही होली है। अग्निर्मूर्धा चक्षुषी चन्द्र सूर्यौ दिशः श्रोत्रे वाग्विवृताश्च वेदाः। (मुण्डक उपनिषद्, २/१/४) चन्द्रार्क वैश्वानर लोचनाय, तस्मै वकाराय नमः शिवाय* (शिव पञ्चाक्षर स्तोत्र) विजय के लिये उलुलय (होली) का उच्चारण होता है- उद्धर्षतां मघवन् वाजिनान्युद वीराणां जयतामेतु घोषः। *पृथग् घोषा उलुलयः एतुमन्त उदीरताम्। (अथर्व ३/१९/६) (ख) अग्नि का पुनः ज्वलन-सम्वत्सर रूपी अग्नि वर्ष के अन्त में खर्च हो जाती है, अतः उसे पुनः जलाते हैं, जो सम्वत्-दहन है- अग्निर्जागार तमृचः कामयन्ते, अग्निर्जागार तमु सामानि यन्ति। अग्निर्जागार तमयं सोम आह-तवाहमस्मि सख्ये न्योकाः। (ऋक् ५/४४/१५) यह फाल्गुन मास में

महाराज दशरथ को ’अतिरथी’ क्यों बोला जाता था?

                 प्रश्न : महाराज दशरथ को ’अतिरथी’ क्यों बोला जाता था? उत्तर: ’अतिरथी’ - वह योद्धा जो एक साथ १०००० योद्धाओं से लड़ने में सक्षम हो उसे द्वारा: अनुज मिश्रा 

महर्षि वाल्मिकी रामायण दूसरा किन नामों से जाना जाता है?

                प्रश्न : महर्षि वाल्मिकी रामायण दूसरा किन नामों से जाना जाता है? उत्तर: पौलस्त्य वध या दशानन वध द्वारा: अनुज मिश्रा 

महर्षि वाल्मिकी, रामायण की रचना का प्रारंभ कब किए थे?

              प्रश्न : महर्षि वाल्मिकी, रामायण की रचना का प्रारंभ कब किए थे? उत्तर: महर्षि वेदव्यास ने रामायण की रचना उस समय प्रारम्भ की थी जब प्रभु श्रीराम चंद्र जी रावण का वद्ध कर चुके थे, अयोध्या लौटकर उनका राज्याभिषेक हो चूका था , उनका पुत्र कुश और लव का जन्म हो चूका था | द्वारा: अनुज मिश्रा 

महर्षि वाल्मिकी रचित रामायण में कुल कितने श्लोकों का संग्रहण है?

            प्रश्न : महर्षि वेदव्यास जी द्वारा बाल्मीकि रामायण का ब्याख्या किस नाम से प्रसिद्द है ? उत्तर: महर्षि वाल्मीकि रामायण में कुल २४००० श्लोकों का संग्रहण है | द्वारा: अनुज मिश्रा 

महर्षि वेदव्यास जी द्वारा बाल्मीकि रामायण का ब्याख्या किस नाम से प्रसिद्द है ?

           प्रश्न : महर्षि वेदव्यास जी द्वारा बाल्मीकि रामायण का ब्याख्या किस नाम से प्रसिद्द है ? उत्तर: महाराज युधिष्ठिर के अनुरोध पर महर्षि वेदव्यास जी ने बाल्मीकि रामायण पर एक ब्याख्या की थी जिसका हस्त लिखित प्रति आज भी उपलब्ध है | इस ब्याख्या का नाम रामायणतात्पर्यदीपिका है | इसका वर्णन दीवानबहादुर रामशास्त्री ने अपनी पुस्तक " स्टडीज इन रामायण " द्वितीय खंड में वर्णन है | द्वारा: अनुज मिश्रा 

वर्तमान में मनु कौन हैं और कौन सा मनवंत्तर चल रहा है?

          प्रश्न : वर्तमान में मनु कौन हैं और कौन सा मनवंत्तर चल रहा है? उत्तर: वाराह कल्प में ६ मन्वन्तर बीत चूका है और सातवां चल रहा है जिसके मनु हैं वैवस्वत मनु | संकल्प मे श्वेत वाराह कल्पे वैवस्वत मन्वन्तरे कहा जाता है द्वारा: अनुज मिश्रा 

वर्तमान कलियुग की संख्या क्या है? अब तक कितना कलियुग बीत चुका है?

         प्रश्न : वर्तमान कलियुग की संख्या क्या है? अब तक कितना कलियुग बीत चुका है? उत्तर: वर्तमान मन्वन्तर (वैवश्वत) में २७ कलियुग बीत चूका है और २८ वां कलियुग चल रहा है | एक मन्वन्तर में ७१.४ बार युग बदलता है | द्वारा: अनुज मिश्रा 

जगतजननी माता सीता की माता कौन थीं?

        प्रश्न : जगतजननी माता सीता की माता कौन थीं? उत्तर: सुनयना देवी द्वारा: अनुज मिश्रा 

पितृ दोष क्या है ? क्यों और कैसे लगता है ? इसका निवारण क्या है? What is Pitri Dosha?

        We love your comments and suggestions. Please visit our website for travel blogs and other related topics. द्वारा अनुज मिश्रा https://www.drifterbaba.com/ Whatsapp / Call: +91 9900144384 #Pitridosh #pitar #garudpuran Date:  10 Mar 2022

माता सीता का अवतरण कब हुआ था?

       प्रश्न : माता सीता का अवतरण कब हुआ था? उत्तर: वैशाख शुक्लपक्ष नवमी - पुष्य नक्षत्र द्वारा: अनुज मिश्रा 

तर्पण किस दिशा में करें ?

      प्रश्न : तर्पण किस दिशा में करें ? उत्तर: सनातन धर्म के अनुसार देव तर्पण : पूर्व दिशा में ऋषि तर्पण : उत्तर दिशा में पितृ तर्पण : दक्षिण दिशा में   द्वारा: अनुज मिश्रा 

सनातन धर्म के अनुसार सृजन और प्रलय का कालखंड कितने वर्षों का?

     प्रश्न : सनातन धर्म के अनुसार सृजन और प्रलय का कालखंड कितने वर्षों का? उत्तर: सनातन धर्म के अनुसार सृजन : १००० चतुर्युग तक चलता है प्रलय : १००० चतुर्युग तक चलता है १ चतुर्युग = सत्ययुग ( १७२८००० वर्ष ) + त्रेता युग (१२९६००० वर्ष ) + द्वापर युग ( ८६४००० वर्ष ) + कलियुग ( ४३२००० वर्ष ) द्वारा: अनुज मिश्रा 

सनातन धर्म में मित्र और मित्रता का उत्तम स्थान का वर्णन

       सन्तों का मन्तव्य है, "पापान्निवारयति योजयते हिताय, गुह्यं निगुह्यति गुणान् प्रकटीकरोति । आपदगतं न ज जहाति ददाति काले, सन्मित्र लक्षणमिदं प्रवदन्ति सन्तः।।" जो पाप कर्मों से बचाये,कल्याणकारी कार्यों में लगाये,गुप्त बातों को छिपाये,समाज के सम्मुख गुणों को प्रकट करे,आपत्ति के समय साथ न छोड़े,समय पड़ने पर आर्थिक मदद दे,सन्तों के अनुसार वास्तविक मित्र वही है। राम चरित मानस किष्किन्धाकाण्ड़ में संत शिरोमणि गोस्वामी तुलसीदास जी ने मित्र को पारिभाषित करते हुए कहा है, "जे न मित्र दुख होहिं दुखारी,तिन्हहिं विलोकत पातक भारी। निज दुख गिरि सम रज करि जाना,मित्रक दुख रज मेरु समाना।" We love your comments and suggestions. Please visit our website for travel blogs and other related topics. Anuj Mishra https://www.drifterbaba.com/ Whatsapp / Call: +91 9900144384 #mitra #mitrata #dosti Date:  07 Mar 2022

दैत्यराज हिरण्याक्ष का नामकरण संस्कार किन्होंने किया था?

    प्रश्न : दैत्यराज हिरण्याक्ष का नामकरण संस्कार किन्होंने किया था? उत्तर: महर्षि कश्यप | द्वारा: अनुज मिश्रा 

माता सीता के पिता जी महाराज जनक का पुरा नाम क्या था?

  प्रश्न : माता सीता के पिता जी महाराज जनक का पुरा नाम क्या था? उत्तर: महाराज सीरध्वज जनक | द्वारा: अनुज मिश्रा 

भगवान विष्णु का निवास स्थान को वैकुंठ धाम कहते है। वैकुंठ का मतलब क्या है?

प्रश्न : भगवान विष्णु का निवास स्थान को वैकुंठ धाम कहते है। वैकुंठ का मतलब क्या है? उत्तर: वैकुंठ का मतलब बिना कुंठा के | वह स्थान जहाँ कष्ट , पीड़ा , दुःख न हो उसे वैकुंठ कहते हैं | द्वारा: अनुज मिश्रा 

ब्रम्ह कौन हैं? क्या भगवान ब्रम्हा ही ब्रम्ह हैं?

      ब्रम्ह एक ऐसी शक्ति जिसके सामने आप आत्मसमर्पण कर देते हैं और उसी में विचरण करते हैं | आपकी शक्ति उस महाशक्ति से मिलकर अपना अस्तित्वा बचाता है | We love your comments and suggestions. Please visit our website for travel blogs and other related topics. Anuj Mishra Whatsapp / Call: +91 9900144384 #bramh #bramhchari #bramhcharini Date:  04 Mar 2022

महाभारत के अभिमन्यु की दूसरी पत्नी कौन थीं?

                 प्रश्न : महाभारत के अभिमन्यु की दूसरी पत्नी कौन थीं? उत्तर: वत्सला जो की प्रभु श्री कृष्ण के बड़े भाई बलराम की पुत्री थीं | द्वारा: अनुज मिश्रा 

महाभारत के दुर्योधन और उनकी पत्नी भानुमती के संतान कौन थे?

                प्रश्न : महाभारत के दुर्योधन और उनकी पत्नी भानुमती के संतान कौन थे? उत्तर: पुत्र का नाम : लक्ष्मण जिनको अभिमन्यु ने युद्ध में मार था पुत्री का नाम : लक्ष्मणा जिनका विवाह प्रभु कृष्ण पुत्र शाम्ब के साथ हुआ था द्वारा: अनुज मिश्रा 

महाराज धृतराष्ट्र और माता गांधारी की पुत्री का नाम क्या था?

               प्रश्न : महाराज धृतराष्ट्र और माता गांधारी की पुत्री का नाम क्या था? उत्तर: दुःशला जिनका विवाह महाराज जयद्रथ के साथ हुआ था | द्वारा: अनुज मिश्रा 

महर्षि वेदव्यास के पिताजी कौन थे?

              प्रश्न : महर्षि वेदव्यास के पिताजी कौन थे? उत्तर: महर्षि परासर जिनका परासर संहिता सुप्रसिद्ध है | द्वारा: अनुज मिश्रा 

# १५ / १६ शुभ विवाह संस्कार इतना महत्वपूर्ण क्यों ? - द्वारा अनुज मिश्रा

    सनातन धर्म के १६ संस्कार We love your comments and suggestions. Please visit our website for travel blogs and other related topics. By, Anuj Mishra https://www.drifterbaba.com/ Whatsapp / Call: +91 9900144384 #vivahsanskar #16sanskar #shubhvivah Date:  28 Feb 2022

सनातन धर्म में पुरोहित जी का स्थान। महाभारत में पांडवों के राजपुरोहित कौन थे?

             प्रश्न : सनातन धर्म में पुरोहित जी का स्थान। महाभारत में पांडवों के राजपुरोहित कौन थे? उत्तर: महर्षि धौम्य | द्वारा: अनुज मिश्रा