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Showing posts from June, 2022

रामायण का पाठ सुनने का उत्तम समय कब होता है ?

  रामायण का पाठ सुनने का उत्तम समय कब होता है ? द्वारा अनुज मिश्रा अपने सनातन धर्म को समझकर प्रचार और प्रसार करें || जय सनातन ||

देवर्षि नारद का रामायण महाकाव्य की कथा मुनि सनतकुमार को सुनाना - ये सनतकुमार कौन थे ?

                                                              प्रश्न : देवर्षि नारद का रामायण महाकाव्य की कथा मुनि सनतकुमार को सुनाना - ये सनतकुमार कौन थे ? उत्तर: सनतकुमार सनकादि मुनियों में से एक थे जो की भगवान ब्रह्मा के पुत्र थे | वाल्मीकि रामायण / प्रथम अध्याय / श्लोक १८, १९ द्वारा: अनुज मिश्रा

प्रभु श्रीराम का अयोध्या छोड़ने के पश्चात महाराज दशरथ का जमीन पर गिरना – किन्होंने सहारा दिया?

                                                              प्रश्न : प्रभु श्रीराम का अयोध्या छोड़ने के पश्चात महाराज दशरथ का जमीन पर गिरना – किन्होंने सहारा दिया? उत्तर: माता कौशल्या दाहिने तरफ से और माता कैकई बाएं तरफ से वाल्मीकि रामायण / अयोध्या कांड / ४२ सर्ग / श्लोक ४ द्वारा: अनुज मिश्रा

क्या प्रभु श्रीराम कभी झूठ का सहारा लिए थे ?

क्या प्रभु श्रीराम कभी झूठ का सहारा लिए थे ? वाल्मीकि रामायण / अयोध्या कांड / सर्ग ४० / श्लोक ४६, ४७ द्वारा अनुज मिश्रा # ramayan #sriram

महाराज दशरथ आर्द भाव से प्रभु श्रीराम जी को वन जाते कबतक देखे थे ?

                                                             प्रश्न : महाराज दशरथ आर्द भाव से प्रभु श्रीराम जी को वन जाते कबतक देखे थे ? उत्तर: महाराज दशरथ प्रभु श्रीराम जी को वन जाते तबतक देखे थे जब तक प्रभु श्रीराम जी का रथ और उससे उड़ती हुई धूल दिख रही थी | वाल्मीकि रामायण / अयोध्या कांड / ४२ सर्ग / श्लोक १ द्वारा: अनुज मिश्रा

वनवास जाते समय प्रभु श्रीराम जी को अयोध्या जनपद से बाहर किन्होंने छोड़ा था?

                                                            प्रश्न : वनवास जाते समय प्रभु श्रीराम जी को अयोध्या जनपद से बाहर किन्होंने छोड़ा था? उत्तर: महाराज दशरथ के आदेश पर मंत्री सुमंत्र ने प्रभु श्रीराम को अयोध्या जनपद से बाहर तक छोड़े थे | वाल्मीकि रामायण / अयोध्या कांड / ३९ सर्ग / श्लोक ०९ - ११ द्वारा: अनुज मिश्रा

प्रभु श्रीराम के बाद किसका जन्म हुआ था? महाराज दशरथ का पुत्र प्राप्ति का क्रम क्या था?

                                                           प्रश्न : प्रभु श्रीराम के बाद किसका जन्म हुआ था? महाराज दशरथ का पुत्र प्राप्ति का क्रम क्या था? उत्तर: महाराज दशरथ को पुत्र प्राप्ति निम्न क्रम में हुआ था १. प्रभु श्रीराम जी २. धर्मात्मा भरत जी ३. श्री लक्ष्मण जी ४. श्री शत्रुघ्न जी वाल्मीकि रामायण / बालकांड / १८ सर्ग / श्लोक ०८ - १५ द्वारा: अनुज मिश्रा

प्रभु श्रीराम का वनवास के लिए अयोध्या छोड़ते समय रथ पर बैठने का क्रम क्या था?

                                                          प्रश्न : प्रभु श्रीराम का वनवास के लिए अयोध्या छोड़ते समय रथ पर बैठने का क्रम क्या था? उत्तर: महाराज दशरथ के आदेश पर | वाल्मीकि रामायण / अयोध्या कांड / ४० सर्ग / श्लोक १३ - १६ द्वारा: अनुज मिश्रा

अकाल मृत्यु में आत्मा की मुक्ति के लिए श्राद्ध के साथ साथ नारायणबलि की अनिवार्यता क्यों?

  अकाल मृत्यु में आत्मा की मुक्ति के लिए श्राद्ध के साथ साथ नारायणबलि की अनिवार्यता क्यों? We love your comments and suggestions. Please visit our website for travel blogs and other related topics. द्वारा अनुज मिश्रा https://www.drifterbaba.com/ Whatsapp / Call: +91 9900144384 #narayanbali #shradh #sanatandharma

माता सीता वनवास जाते समय बहुमूल्य आभूषण किनके आदेश से लेकर गईं थीं?

                                                         प्रश्न : माता सीता वनवास जाते समय बहुमूल्य आभूषण किनके आदेश से लेकर गईं थीं? उत्तर: महाराज दशरथ के आदेश पर | वाल्मीकि रामायण / अयोध्या कांड / ३९ सर्ग / श्लोक १६ द्वारा: अनुज मिश्रा

पति अपरिमित सुख प्रदान करते हैं यह बात माता सीता ने किनसे कही थीं?

                                                        प्रश्न : पति अपरिमित सुख प्रदान करते हैं यह बात माता सीता ने किनसे कही थीं? उत्तर: माता सीता ने माता कौशल्या को वन जाने से पूर्व उस समय बोलीं थीं जब माता कौशल्या ने कही थीं की राम का वन में ख्याल रखना | वाल्मीकि रामायण / अयोध्या कांड / ३९ सर्ग / श्लोक ३० द्वारा: अनुज मिश्रा

माता सीता का राज्याभिषेक करने का प्रस्ताव किन्होंने दिया था?

                                                       प्रश्न : माता सीता का राज्याभिषेक करने का प्रस्ताव किन्होंने दिया था? उत्तर: प्रभु श्रीराम के कुलगुरु ब्रम्हर्षि वशिष्ठ ने | वाल्मीकि रामायण / अयोध्या काण्ड / ३७ सर्ग / श्लोक २३ द्वारा: अनुज मिश्रा

वनवास जाने से पूर्व माता सीता को वल्कल वस्त्र किन्होंने पहनाया था?

                                                      प्रश्न : वनवास जाने से पूर्व माता सीता को वल्कल वस्त्र किन्होंने पहनाया था? उत्तर: माता सीता को वल्कल प्रभु श्रीराम जी ने स्वयं पहनाये थे | वाल्मीकि रामायण / अयोध्या काण्ड / ३७ सर्ग / श्लोक २०, २१ द्वारा: अनुज मिश्रा

प्रभु श्रीराम माता सबरी से किस आश्रम में मिले थे?

                                                     प्रश्न : प्रभु श्रीराम माता सबरी से किस आश्रम में मिले थे? उत्तर: मतंग आश्रम | महर्षि मतंग माता शबरी के गुरु थे | द्वारा: अनुज मिश्रा

प्रभु श्रीराम की माता कौशल्या कितने गांवों का पालन पोषण करती थीं?

                                                    प्रश्न : प्रभु श्रीराम की माता कौशल्या कितने गांवों का पालन पोषण करती थीं? उत्तर: माता कौशल्या को १००० (एक शहस्त्र ) गांव मिला था पालन पोषण करने के लिए | वाल्मीकि रामायण / अयोध्या कांड / ३१ सर्ग / श्लोक २३ द्वारा: अनुज मिश्रा

प्रभु श्रीराम वनवास जाते समय कौन कौन से दिव्यास्त्रों को साथ लेकर गए थे?

                                                   प्रश्न : प्रभु श्रीराम वनवास जाते समय कौन कौन से दिव्यास्त्रों को साथ लेकर गए थे? उत्तर: धनुष , कवच , तरकश , खडग वाल्मीकि रामायण / अयोध्या कांड / ३१ सर्ग / श्लोक २९ - ३१ द्वारा: अनुज मिश्रा

भगवान इंद्र के सारथी कौन थे?

                                                  प्रश्न : भगवान इंद्र के सारथी कौन थे? उत्तर: मातलि | वाल्मीकि रामायण / अयोध्या कांड / १४ सर्ग / श्लोक ४८ द्वारा: अनुज मिश्रा

प्रभु श्रीराम को प्रिय गजराज शत्रुंजय कहां से मिला था ?

                                                 प्रश्न : प्रभु श्रीराम को प्रिय गजराज शत्रुंजय कहां से मिला था ? उत्तर: प्रभु श्रीराम का प्रिय गजराज शत्रुंजय को उनके मामा ने उपहार के रूप में दिए थे | वाल्मीकि रामायण / अयोध्या कांड / ३२ सर्ग / श्लोक १० द्वारा: अनुज मिश्रा

महाराज दशरथ की कितनी रानियाँ थीं?

                                                प्रश्न : महाराज दशरथ की कितनी रानियाँ थीं? उत्तर: महाराज दशरथ को कौशल्या, कैकई और सुमित्रा के अलावा ३५० रानियाँ थीं | वाल्मीकि रामायण / अयोध्या कांड / ३४ सर्ग / श्लोक १० - १३ वाल्मीकि रामायण / अयोध्या कांड / ३९ सर्ग / श्लोक ३६ , ३७  द्वारा: अनुज मिश्रा