Skip to main content

Posts

Showing posts from September, 2023

अमरत्व की वैधता कितने वर्षों तक ? कितने वर्षों तक अमर रहा जा सकता है ?

  प्रश्न: अगर किसी को अमरत्व का वरदान मिला है तो कितने वर्षों तक अमरत्व की वैधता है ? उत्तर : यह इस बात के ऊपर निर्भर करता है की वरदान या आशीर्वाद देने वाले की शक्ति कितनी है, ज्यादा से ज्यादा १ कल्प तक के लिए अमरत्व का वरदान दिया जा सकता है। १ कल्प = १००० चतुर्युग १ चतुर्यग = चारो युगों (सतयुग, त्रेता, द्वापर और कलयुग )का जुड़ा हुआ कालखंड कलयुग : १२०० दिव्य वर्ष = १२०० x ३६५ = ४३८००० सौर वर्ष द्वापर : २४०० दिव्य वर्ष = २४०० x ३६५ = ८७६००० सौर वर्ष त्रेता : ३६०० दिव्य वर्ष = ३६०० x ३६५ = १३१४००० सौर वर्ष सतयुग : ४८०० दिव्य वर्ष = ४८०० x ३६५ = १७५२००० सौर वर्ष १ चतुर्युग = १२००० दिव्य वर्ष = १२००० x ३६५ = ४३८०००० सौर वर्ष १००० चतुर्युग = १२०००००० दिव्य वर्ष = १२०००००० x ३६५ = ४३८००००००० सौर वर्ष द्वारा अनुज मिश्रा +91 9900144384

पंचभूतों और इंद्रियों का दर्शन किस विधि से संभव है?

      प्रश्न : पंचभूतों और इंद्रियों का दर्शन किस विधि से संभव है? उत्तर: अपने आत्मा के ऊपर दृष्टि डालकर। गरुड़ पुराण / आचार कांड / अध्याय २३७ द्वारा अनुज मिश्रा +91 99001 44384

बिहार के शिक्षामंत्री जी प्रभु श्रीराम की तुलना जहर (Potassium cyanide ) के साथ क्यों किए?

    बिहार के शिक्षामंत्री  Sri Chandrashekhar Yadav  जी प्रभु श्रीराम की तुलना जहर(Potassium cyanide ) के साथ क्यों किए? मंत्री जी तो सनातनी निकले | द्वारा : अनुज मिश्रा

सनातन धर्म के ऊपर आघात का नया प्रचलन ? Attack on Sanatan Dharma - A new trend?

  सनातन धर्म के ऊपर आघात का नया प्रचलन ? द्वारा : अनुज मिश्रा

हमारे कुल की रक्षा किस विधि से होती है?

     प्रश्न : हमारे कुल की रक्षा किस विधि से होती है? उत्तर: सही आचरण, शील और शालीनता का पालन करने से | गरुड़ पुराण / आचार कांड / अध्याय ११३ द्वारा अनुज मिश्रा +91 99001 44384

पिंजरे में बंद पक्षी या बंधे हुए जानवर के मरने पर दोष का निवारण कैसे?

    प्रश्न : पिंजरे में बंद पक्षी या बंधे हुए जानवर के मरने पर दोष का निवारण कैसे? उत्तर: पिंजरे में बंद पक्षी या बंधे हुए जानवर का मृत्यु होने पर पालने वाले को जो दोष लगता है उसके निवारण के लिए कृच्छपाद व्रत को करना अनिवार्य बताया गया है। गरुड़ पुराण / आचार कांड / अध्याय २२२ द्वारा अनुज मिश्रा +91 99001 44384

किस स्थान पर निवास करने को अनुचित बताया गया है?

   प्रश्न : किस स्थान पर निवास करने को अनुचित बताया गया है? उत्तर: जहाँ पर आपका सम्मान न हो , आपके बंधू बांधव न हों और जहाँ पर विद्या लाभ का संभावना न हो। गरुड़ पुराण / आचार कांड / अध्याय १०९ द्वारा अनुज मिश्रा +91 99001 44384

घृणित कार्य करने पर ब्राह्मण का दंड क्या है?

   प्रश्न : घृणित कार्य करने पर ब्राह्मण का दंड क्या है? उत्तर: ब्राह्मण का दंड है उनको निमंत्रण नहीं देना यानि उनकी प्रतिष्ठा का हनन करना । गरुड़ पुराण / आचार कांड / अध्याय १०९ द्वारा अनुज मिश्रा +91 99001 44384

चरित्रहीन व्यक्ति के साथ रहने से अच्छा नरक में रहना क्यों है?

   प्रश्न : चरित्रहीन व्यक्ति के साथ रहने से अच्छा नरक में रहना क्यों है? उत्तर: नरकवास के कारण पाप विनिष्ट हो जाता है परन्तु दुश्चरित्र व्यक्ति के घर निवास करने से पाप की निवृत्ति नहीं होती बल्कि बढ़ जाता है। गरुड़ पुराण / आचार कांड / अध्याय १०९   द्वारा अनुज मिश्रा +91 99001 44384