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Showing posts from October, 2022

गृहस्थ जीवन में अनिवार्य करने वाले पांच महायज्ञ कौन कौन से हैं?

                                                        प्रश्न : गृहस्थ जीवन में अनिवार्य करने वाले पांच महायज्ञ कौन कौन से हैं? उत्तर: १. ब्रह्म यज्ञ २. पितृ यज्ञ ३. दैव यज्ञ ४. भुत यज्ञ ५. अतिथि यज्ञ भविष्य पुराण / ब्रह्मपर्व / १६ द्वारा अनुज मिश्रा

महर्षि च्यवन अपने यवनावस्था के बदले अश्विनी कुमारों को क्या प्रदान किए थे?

                                                             प्रश्न : महर्षि च्यवन अपने यवनावस्था के बदले अश्विनी कुमारों को क्या प्रदान किए थे? उत्तर: अन्य देवताओं की भाती यज्ञभाग | भविष्य पुराण / ब्रह्मपर्व / १२ द्वारा अनुज मिश्रा

महर्षि च्यवन किनकी सहायता से वृद्धावस्था से यवनावस्था को प्राप्त किए थे?

                                                            प्रश्न : महर्षि च्यवन किनकी सहायता से वृद्धावस्था से यवनावस्था को प्राप्त किए थे? उत्तर: अश्विनी कुमार भविष्य पुराण / ब्रह्मपर्व / १२ द्वारा अनुज मिश्रा

कार्तिक अमावस्या को माता लक्ष्मी का अतिविशिष्ट पूजा क्यों करते हैं?

                                                            प्रश्न : कार्तिक अमावस्या को माता लक्ष्मी का अतिविशिष्ट पूजा क्यों करते हैं? उत्तर: समुद्र मंथन के दौरान कार्तिक अमावस्या को माता लक्ष्मी निकलीं थीं जिनको भगवान विष्णु अपनाये थे | इसीलिए इस तिथि को माता लक्ष्मी का अति विशिस्ट आराधना होता है | द्वारा अनुज मिश्रा

हम सूर्य ग्रहण से आधात्मिक रूप से क्या सीखते हैं? What do we learn spiritually from a solar eclipse?

सूर्य ग्रहण का पर्व मानव जीवन को तीन प्रमुख सीखें प्रदान करता है। The festival of solar eclipse teaches us three major lessons: पहली - इस सृष्टि में सब कुछ परिवर्तनशील है। इस भू मण्डल पर शाश्वत जैसा कुछ भी नहीं। समस्त चराचर जगत को प्रकाशित करने वाले सूर्य देव की किरणों को भी कुछ समय के लिए ही सही मगर पृथ्वी तक पहुँचने में असमर्थता हो जाती है अथवा पृथ्वी से सूर्य किरणों का ह्रास हो जाता है।  Everything in this universe is changeable. Nothing is eternal on this earth. Even the rays of Sun God, which illuminate the entire pastoral world, also become incapable of reaching the earth for a short time or the sun-rays get diminished from the earth.   दूसरी - जीवन में सदैव अवरोध आते रहेंगे। यात्रा जितनी लंबी होगी अथवा लक्ष्य जितना श्रेष्ठ होगा अवरोध भी उतने ही उत्पन्न होंगे। बस उन क्षणों में धैर्य का परिचय देते हुए ये विचार करें कि जब सुख ही शाश्वत नहीं रहा तो दुख की क्या औकात है..? समय बुरा हो सकता है मगर जीवन कदापि नहीं। ये वक्त भी गुजर जायेगा, बस इतना ध्यान रहे।  There will always be obsta

धनतेरस का त्योहार भगवान विष्णु के किस अवतार से संबंधित है?

                                                           प्रश्न : धनतेरस का त्योहार भगवान विष्णु के किस अवतार से संबंधित है? उत्तर: भगवन विष्णु का धन्वन्तरि अवतार जो की समुद्र मंथन के दौरान कार्तिक कृष्णपक्ष त्रयोदशी को हुआ था | द्वारा अनुज मिश्रा

जब देवता अस्वस्थ हो जाते हैं तो उनका उपचार किनके द्वारा होता है?देवताओं के वैद्य कौन हैं?

                                                          प्रश्न : जब देवता अस्वस्थ हो जाते हैं तो उनका उपचार किनके द्वारा होता है?देवताओं के वैद्य कौन हैं? उत्तर: अश्विनी कुमार भविष्य पुराण / ब्रह्मपर्व / १२ द्वारा अनुज मिश्रा

उन ब्राह्मण देव का नाम जिन्होंने प्रभु श्रीराम के समक्ष नास्तिक मत का अनुमोदन किए थे ?

                                                         प्रश्न : उन ब्राह्मण देव का नाम जिन्होंने प्रभु श्रीराम के समक्ष नास्तिक मत का अनुमोदन किए थे ? उत्तर: जाबालि वाल्मीकि रामायण / अयोध्या कांड / १०८ सर्ग / श्लोक १ - १८ द्वारा अनुज मिश्रा

महाराज दशरथ का विवाह माता कैकई के साथ किस शर्त पर हुआ था?

                                                        प्रश्न : महाराज दशरथ का विवाह माता कैकई के साथ किस शर्त पर हुआ था? उत्तर: माता कैकई का पुत्र ही भविष्य में अयोध्या का राजा बनेगा | वाल्मीकि रामायण / अयोध्या कांड / १०७ सर्ग / श्लोक ३ द्वारा अनुज मिश्रा

कुबेर देवता के उपवन और सरोवर का क्या नाम था?

                                                       प्रश्न : कुबेर देवता के उपवन और सरोवर का क्या नाम था? उत्तर: उपवन का नाम : नंदनवन, सरोवर का नाम : सौगंधिक वाल्मीकि रामायण / अयोध्या कांड / ९५ सर्ग / श्लोक ४, वाल्मीकि रामायण / अयोध्या कांड / ९८ सर्ग / श्लोक १२ द्वारा अनुज मिश्रा

प्रभु श्रीरामचंद्र जी अपने पिता का पिंडदान कहां पर किए थे?

                                                      प्रश्न : प्रभु श्रीरामचंद्र जी अपने पिता का पिंडदान कहां पर किए थे? उत्तर: चित्रकूट में मन्दाकिनी नदी के तट पर वाल्मीकि रामायण / अयोध्या कांड / १०३ सर्ग / श्लोक २८ द्वारा अनुज मिश्रा

भगवान शनिदेव के माता और पिता का नाम क्या है?

                                                     प्रश्न : भगवान शनिदेव के माता और पिता का नाम क्या है? उत्तर: पिता : सूर्य देव , माता : छाया देवी द्वारा अनुज मिश्रा

प्रभु श्रीराम अपने पिता महाराज दशरथ को किस चीज से पिंड दिए थे?

                                                     प्रश्न : प्रभु श्रीराम अपने पिता महाराज दशरथ को किस चीज से पिंड दिए थे? उत्तर: इंगुदी क गुद्दा और बेर का वाल्मीकि रामायण / अयोध्या कांड / १०३ सर्ग / श्लोक २९ द्वारा: अनुज मिश्रा

विजय दशमी और विजया दशमी में क्या अंतर है?

                                                    प्रश्न : विजय दशमी और विजया दशमी में क्या अंतर है? उत्तर: जब पुरुष की जीत होती है तो उसे विजय के नाम से जानते हैं परन्तु नारी की जीत होती है तो उसे विजया के नाम से जानते हैं | विजय दशमी में प्रभु श्रीराम का रावण के ऊपर विजय हुआ था | विजया दशमी में माता दुर्गा का अनेकों राक्षसों के ऊपर विजय हुआ था | द्वारा अनुज मिश्रा

माता दुर्गा का नावां रूप का नाम सिद्धिदात्री क्यों पड़ा?

                                                   प्रश्न : माता दुर्गा का नावां रूप का नाम सिद्धिदात्री क्यों पड़ा? उत्तर: माता दुर्गा कर्म को प्रधानता देतीं हैं , जब भी कोई कर्म करता है माता उसको सिद्धि देतीं हैं चाहे वह कर्म देवता के द्वारा किया गया हो या फिर दानव के द्वारा | माता के इसी स्वभाव के कारण उनका नाम सिद्धिदात्री पड़ा | द्वारा अनुज मिश्रा

माता दुर्गा का आठवें रूप का नाम महागौरी क्यों पड़ा था?

                                                   प्रश्न : माता दुर्गा का आठवें रूप का नाम महागौरी क्यों पड़ा था? उत्तर: जब माता दुर्गा शुम्भ और निशुम्भ से युद्ध कर रहीं थीं तब थकान के कारण उनके चेहरे की कान्ति फीकी पड़ गयी थी | बाद में जब भगवान ब्रह्मा के कहने पर कैलाश मानसरोवर में स्नान किये तब उनकी कान्ति पहले से अधिक होकर लौट आयी | इसीलिए माता का नाम महागौरी पड़ा | द्वारा अनुज मिश्रा

माता दुर्गा का सातवें रूप का नाम कालरात्री क्यों पड़ा था?

                                                  प्रश्न : माता दुर्गा का सातवें रूप का नाम कालरात्री क्यों पड़ा था? उत्तर: माता दुर्गा जब राक्षस रक्तवीज से युद्ध कर रहीं थीं तब वे काल की भांति राक्षसों के ऊपर टूट पड़ीं थीं जिससे राक्षस और देवता दोनों ही भयभीत हो गए थे, इसीलिए उनका नाम कालरात्रि पड़ा था | द्वारा अनुज मिश्रा

माता दुर्गा का नाम कात्यायनी क्यों पड़ा था?

                                                 प्रश्न : माता दुर्गा का नाम कात्यायनी क्यों पड़ा था? उत्तर: जब माता दुर्गा महिषासुर से युद्ध करने के लिए तैयार हुईं थीं तब सर्वप्रथम वे महर्षि कात्यायन से पूजित हुईं थीं, इसीलिए माता का नाम कात्यायनी पड़ा | द्वारा अनुज मिश्रा