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श्री दुर्गा नवरात्रि

 


प्रथमं शैलपुत्री च द्वितीयं ब्रह्मचारिणी। 
तृतीयं चन्द्रघण्टेति कूष्माण्डेति. चतुर्थकम्।।
पंचमं स्कन्दमातेति षष्ठं कात्यायनीति च। 
सप्तमं कालरात्रीति.महागौरीति चाष्टमम्।।
नवमं सिद्धिदात्री च नवदुर्गा: प्रकीर्तिता:। 
उक्तान्येतानि नामानि ब्रह्मणैव महात्मना:।।


प्रश्न : माता दुर्गा का पहले रूप का नाम शैलपुत्री क्यों पड़ा था?

उत्तर: माता दुर्गा का नाम शैलपुत्री इसलिए पड़ा था क्यों कि उनका जन्म पर्वतराज हिमवान के घर हुआ था |

संदर्भ :   XXXX            




प्रश्न : माता दुर्गा का दुसरे रूप का नाम ब्रह्मचारिणी क्यों पड़ा?

उत्तर: माता पार्वती विवाह पूर्व अपने तपस्या के दौरान शिव रूपी ब्रम्ह में विचरण करती थीं।  

संदर्भ :   XXXX            




प्रश्न : माता दुर्गा का तीसरे रूप का नाम चंद्रघंटा क्यों पड़ा था?

उत्तर: महिषासुर असुर के वद्ध के लिए एक देवी का अवतार हुआ था जिन्होंने अपने सर पर चन्द्रमा और गले घंटा का आभूषण पहने हुए थे, इसीलिए माता का नाम चंद्रघंटा पड़ा |

संदर्भ :   XXXX            




प्रश्न : माता दुर्गा के चौथे रूप का नाम कुष्मांडा क्यों पड़ा था?

उत्तर: वह आवरण जिसके अंदर जीव सुरक्षित रहता है उसे कुष्मांडा कहते है | माता दुर्गा सवी जीवों की रक्षा करती हैं इसीलिए उनका नाम कुष्मांडा पड़ा |

संदर्भ :   XXXX            




प्रश्न : माता दुर्गा का पांचवे रूप का नाम स्कंदमाता क्यों पड़ा?

उत्तर: माता के पुत्र भगवान कार्तिक जिनको स्कन्द के नाम से भी जानते हैं , राक्षसों का मर्दन करके देवताओं का भला किये थे, इसीलिए माता दुर्गा का नाम स्कंदमाता पड़ा |

संदर्भ :   XXXX            




प्रश्न : माता दुर्गा का छठे रूप का नाम कात्यायनी क्यों पड़ा था?

उत्तर: जब माता दुर्गा महिषासुर से युद्ध करने के लिए तैयार हुईं थीं तब सर्वप्रथम वे महर्षि कात्यायन से पूजित हुईं थीं, इसीलिए माता का नाम कात्यायनी पड़ा |

संदर्भ :   XXXX            




प्रश्न : माता दुर्गा का सातवें रूप का नाम कालरात्री क्यों पड़ा था?

उत्तर: माता दुर्गा जब राक्षस रक्तवीज से युद्ध कर रहीं थीं तब वे काल की भांति राक्षसों के ऊपर टूट पड़ीं थीं जिससे राक्षस और देवता दोनों ही भयभीत हो गए थे, इसीलिए उनका नाम कालरात्रि पड़ा था |  

संदर्भ :   XXXX            




प्रश्न : माता दुर्गा का आठवें रूप का नाम महागौरी क्यों पड़ा था?

उत्तर: जब माता दुर्गा शुम्भ और निशुम्भ से युद्ध कर रहीं थीं तब थकान के कारण उनके चेहरे की कान्ति फीकी पड़ गयी थी | बाद में जब भगवान ब्रह्मा के कहने पर कैलाश मानसरोवर में स्नान किये तब उनकी कान्ति पहले से अधिक होकर लौट आयी | इसीलिए माता का नाम महागौरी पड़ा |   

संदर्भ :   XXXX            




प्रश्न : माता दुर्गा का नवें रूप का नाम सिद्धिदात्री क्यों पड़ा?

उत्तर: माता दुर्गा कर्म को प्रधानता देतीं हैं , जब भी कोई कर्म करता है माता उसको सिद्धि देतीं हैं चाहे वह कर्म देवता के द्वारा किया गया हो या फिर दानव के द्वारा | माता के इसी स्वभाव के कारण उनका नाम सिद्धिदात्री पड़ा |

संदर्भ :   XXXX            




प्रश्न : माता दुर्गा का अराधना करने वाला ग्रंथ का नाम दुर्गा सप्तशती क्यों पड़ा?

उत्तर: सप्तशती मतलब सात सौ (७००) | माँ  दुर्गा का आराधना करने के लिए ७०० श्लोकों का संग्रह किया गया है इसलिए ग्रन्थ का नाम  दुर्गा सप्तशती पड़ा |

संदर्भ :   XXXX            




प्रश्न : दुर्गा सप्तशती किस मूल ग्रंथ का हिस्सा है? किस पुराण में वर्णित है?

उत्तर: मार्केंडय पुराण

संदर्भ :   दुर्गा सप्तशती             




प्रश्न : विजय दशमी और विजया दशमी में क्या अंतर है?

उत्तर: जब पुरुष की जीत होती है तो उसे विजय के नाम से जानते हैं परन्तु नारी की जीत होती है तो उसे विजया के नाम से जानते हैं |

विजय दशमी में प्रभु श्रीराम का रावण के ऊपर विजय हुआ था |
विजया दशमी में माता दुर्गा का अनेकों राक्षसों के ऊपर विजय हुआ था |

संदर्भ :   XXXX            






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