प्रश्न : अपने से छोटों का पैर छूना निंदनीय कार्य क्यों नहीं है ?
उत्तर: धर्मग्रंथों में श्रेष्ठता और बड्डपन का आधार वेद और शास्त्रों का ज्ञान बताया गया है न कि आयु को ।
संदर्भ : श्रीमद्भागवत महापुराण /प्रथम खंड / षष्टम स्कन्द / अध्याय ७ / श्लोक ३३
110625-1 Video Link: https://youtube.com/shorts/H1hOk-ya6AM
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द्वारा
अनुज मिश्रा
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