कुरआन & रामायण में वर्णित " हरि अनंत हरि कथा अनंता " - प्रत्येक साधक की एक ही भाषा
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सन्दर्भ १ :कुरआन : सूरा संख्या १८ कहफ़ , आयत संख्या १०९ -------------- सन्दर्भ २ : श्रीरामचरितमानस /बालकांड / दोहा सं १३९ / चौपाई संख्या - ३ ---------------- हरि अनंत हरि कथा अनंता। कहहिं सुनहिं बहुबिधि सब संता॥ रामचंद्र के चरित सुहाए। कलप कोटि लगि जाहिं न गाए॥ सन्दर्भ ३ : कबीरदास ------------------------------ सात समंद की मसि करौं, लेखनि सब बनराय। सब धरती कागद करौं, हरि गुन लिखा न जाय || द्वारा अनुज मिश्रा
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