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किन परिस्थितियों में " मन " हमारा मित्र और शत्रु बन जाता है?

 प्रश्न : किन परिस्थितियों में " मन " हमारा मित्र और शत्रु बन जाता है?

उत्तर:  जब हम मन के ऊपर विजय प्राप्त कर लेते हैं तो मन हमारा मित्र बन जाता है परन्तु मन के ऊपर विजय प्राप्त नहीं होने की स्थिति में मन ही हमारा शत्रु बन जाता है । 

संदर्भ : श्रीमद्भागवत महापुराण /प्रथम खंड / सप्तम  स्कन्द / अध्याय ८  / श्लोक १०                          

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द्वारा 

अनुज मिश्रा

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