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Showing posts from September, 2025

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PART 12 - वास्तुशास्त्रम - किसी व्यक्ति के चरित्र / स्वभाव के आधार पर उनके घर का क्षेत्रफल कितना रखें ?

  PART 12 - वास्तुशास्त्रम - किसी व्यक्ति के चरित्र / स्वभाव के आधार पर उनके घर का क्षेत्रफल कितना रखें जो सकारात्मक परिणाम प्रदान करे ? Video Link :  CLICK FOR VIDEOS द्वारा अनुज मिश्रा

PART 11 - वास्तुशास्त्रम - घर का मुख्यद्वार कहाँ रखें और उसका फल क्या है ?

  PART 11 - वास्तुशास्त्रम - घर का मुख्यद्वार कहाँ रखें और उसका फल क्या है ? Video Link:  CLICK FOR VIDEO घर के मुख्य द्वार का वास्तु  द्वारा अनुज मिश्रा

महर्षि वाल्मीकि खूंखार डाकू से महर्षि कैसे बने जिन्होंने पवित्र धर्मग्रन्थ रामायण की रचना कर दी ?

महर्षि वाल्मीकि खूंखार डाकू से महर्षि कैसे बने जिन्होंने पवित्र धर्मग्रन्थ रामायण की रचना कर दी ? Video Link: CLICK FOR VIDEO महर्षि वाल्मीकि महर्षि बनने से पूर्व कौन थे और क्या करते थे ? महर्षि कैसे बने ? मरा मरा का जाप से पापमुक्त कैसे हुए ? सन्दर्भ : भविष्यपुराण / प्रतिसर्गपर्व (चतुर्थ खंड) / अध्याय १० द्वारा अनुज मिश्रा

कुरआन & रामायण में वर्णित " हरि अनंत हरि कथा अनंता " - प्रत्येक साधक की एक ही भाषा

  कुरआन & रामायण में वर्णित " हरि अनंत हरि कथा अनंता " - प्रत्येक साधक की एक ही भाषा Video Link: CLICK FOR VIDEOS सन्दर्भ १ :कुरआन : सूरा संख्या १८ कहफ़ , आयत संख्या १०९ -------------- सन्दर्भ २ : श्रीरामचरितमानस /बालकांड / दोहा सं १३९ / चौपाई संख्या - ३ ---------------- हरि अनंत हरि कथा अनंता। कहहिं सुनहिं बहुबिधि सब संता॥ रामचंद्र के चरित सुहाए। कलप कोटि लगि जाहिं न गाए॥ सन्दर्भ ३ : कबीरदास ------------------------------ सात समंद की मसि करौं, लेखनि सब बनराय। सब धरती कागद करौं, हरि गुन लिखा न जाय || द्वारा अनुज मिश्रा

शरीर के ६ शत्रु जिनके ऊपर विजय प्राप्ति से ईश्वर प्राप्ति सम्भव है ?

  प्रश्न : शरीर के ६ शत्रु जिनके ऊपर विजय प्राप्ति से ईश्वर प्राप्ति सम्भव है ? उत्तर: काम, क्रोध, लोभ, मोह, मद, द्वेष । संदर्भ : श्रीमद्भागवत महापुराण /प्रथम खंड / सप्तम स्कन्द / अध्याय ७ / श्लोक ३३ 190925-1 Video Link: CLICK FOR VIDEOS श्रीमद्भागवत महापुराण में वर्णित अन्य प्रश्नोत्तरी के लिए क्लिक करें द्वारा अनुज मिश्रा

PART 10 - वास्तुशास्त्रम - शिलान्यास कहाँ से और किस क्रम में आरम्भ करें ?

  PART 10 - वास्तुशास्त्रम - शिलान्यास कहाँ से और किस क्रम में आरम्भ करें ? Video Link: CLICK FOR VIDEOS पंचशिलाओं के नाम और उनके चिन्ह: द्वारा अनुज मिश्रा

किन परिस्थितियों में " मन " हमारा मित्र और शत्रु बन जाता है?

 प्रश्न : किन परिस्थितियों में " मन " हमारा मित्र और शत्रु बन जाता है? उत्तर:  जब हम मन के ऊपर विजय प्राप्त कर लेते हैं तो मन हमारा मित्र बन जाता है परन्तु मन के ऊपर विजय प्राप्त नहीं होने की स्थिति में मन ही हमारा शत्रु बन जाता है ।  संदर्भ : श्रीमद्भागवत महापुराण /प्रथम खंड / सप्तम  स्कन्द / अध्याय ८  / श्लोक १०                           140925-1 Video Link: CLICK FOR VIDEOS श्रीमद्भागवत महापुराण  में वर्णित  अन्य प्रश्नोत्तरी के लिए क्लिक करें    द्वारा  अनुज मिश्रा

शरीर के ६ विकार कौन कौन से हैं?

 प्रश्न : शरीर के ६ विकार कौन कौन से हैं? उत्तर:  जन्म , अनुभूति , वृद्धि , परिणाम , क्षय और विनाश ।  संदर्भ : श्रीमद्भागवत महापुराण /प्रथम खंड / सप्तम  स्कन्द / अध्याय ७  / श्लोक १८              110925-1 Video Link: CLICK FOR VIDEOS श्रीमद्भागवत महापुराण  में वर्णित  अन्य प्रश्नोत्तरी के लिए क्लिक करें    द्वारा  अनुज मिश्रा

अभिमन्यु से पूर्व मां के गर्भ में ज्ञान प्राप्त करने वाले कौन थे?

 प्रश्न : अभिमन्यु से पूर्व मां के गर्भ में ज्ञान प्राप्त करने वाले कौन थे? उत्तर:  भक्त प्रह्लाद जिन्होंने अपनी माँ के गर्भ में ही भगवान नारद से धर्म का उपदेश ग्रहण किये थे ।  संदर्भ : श्रीमद्भागवत महापुराण /प्रथम खंड / सप्तम  स्कन्द / अध्याय ५   / श्लोक १५, १६         100925-1 Video Link: CLICK FOR VIDEO श्रीमद्भागवत महापुराण  में वर्णित  अन्य प्रश्नोत्तरी के लिए क्लिक करें    द्वारा  अनुज मिश्रा

भगवान शुक्राचार्य के पुत्र शंड और अर्मक किनके गुरु थे?

 प्रश्न : भगवान शुक्राचार्य के पुत्र  शंड और अर्मक किनके गुरु थे? उत्तर:  भक्त प्रह्लाद के जिन्होंने राजनीती और अर्थनीति का ज्ञान दिए थे ।  संदर्भ : श्रीमद्भागवत महापुराण /प्रथम खंड / सप्तम  स्कन्द / अध्याय ५   / श्लोक १,२                          070925-1 Video Link: CLICK FOR VIDEO श्रीमद्भागवत महापुराण  में वर्णित  अन्य प्रश्नोत्तरी के लिए क्लिक करें    द्वारा  अनुज मिश्रा

PART 9 - वास्तुशास्त्रम - भूमि खनन की शुरुवात किस दिशा से आरम्भ करें ? गलत शुरुवात प्राणघातक कैसे ?

PART 9 - वास्तुशास्त्रम - भूमि खनन की शुरुवात किस दिशा से करें ? गलत शुरुवात प्राणघातक कैसे ? Video Link: CLICK FOR VIDEOS भूखंड पर राहु देव की स्थिति  द्वारा अनुज मिश्रा

PART 8 - वास्तुशास्त्रम - वास्तुदोष निवारण के लिए विस्थापित वास्तु देवता को कहाँ स्थापित करें ?

PART 8 - वास्तुशास्त्रम - वास्तुदोष निवारण के लिए विस्थापित वास्तु देवता को कहाँ स्थापित करें ? Video Link: CLICK FOR VIDEOS द्वारा अनुज मिश्रा

श्री रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग (Sri Rameshwaram Jyotirling Temple) @ Tamilnadu

  श्री रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग - तमिलनाडु  Video Link:  CLICK FOR VIDEO

PART 7 - वास्तुशास्त्रम - वास्तु देवता कितने हैं और उनका स्थान कहाँ है? वास्तु दोष क्यों लगता है ?

  PART 7 - वास्तुशास्त्रम - वास्तु देवता कितने हैं और उनका स्थान कहाँ है? वास्तु दोष क्यों लगता है ? Video Link: CLICK FOR VIDEOS वस्तुभूमि में 45 वास्तुदेवों की स्थिति 1. शिखी , 2. पर्जन्य , 3. जयंत , 4. इंद्र, 5. सूर्य , 6. सत्य , 7. भृश , 8. अंतरिक्ष , 9. अनिल , 10. पूषा , 11. वितथ , 12. बृहतक्षत , 13. यम , 14. गन्धर्व , 15. भृंगराज , 16. मृग , 17. पिता , 18. दौवारिक , 19. सुग्रीव , 20. कुसुमदन्त , 21. वरुण , 22. असुर , 23. शोष , 24. पापयक्ष्मा , 25. रोग , 26. नाग , 27. मुख्य , 28. भल्लाट , 29. सोम , 30. भुजग , 31. अदिति , 32. दिति , 33. आप , 34. सवित्र , 35. जय , 36. रूद्र , 37. आर्यमा , 38. सविता , 39. विवस्वान , 40. विवुधाधिप , 41. मित्र , 42. राजयक्ष्मा , 43. पृथ्वीधर , 44. आपवत्स , 45.ब्रह्मा द्वारा अनुज मिश्रा

आत्मा शरीर से भिन्न कैसे?

 प्रश्न : आत्मा शरीर से भिन्न कैसे? उत्तर:  सभी प्राणियों का जन्म और मृत्यु उनके द्वारा किये गए पूर्वजन्मों के कर्मों के आधार पर होता है । आत्मा शरीर से अत्यंत भिन्न है इसलिए यह जन्म और मृत्यु से अछूता है।  संदर्भ : श्रीमद्भागवत महापुराण /प्रथम खंड / सप्तम  स्कन्द / अध्याय २    / श्लोक ४१                         020925-1 Video Link: CLICK FOR VIDEOS श्रीमद्भागवत महापुराण  में वर्णित  अन्य प्रश्नोत्तरी के लिए क्लिक करें    द्वारा  अनुज मिश्रा

भगवान विष्णु का जड़ किसको बताया गया है?

 प्रश्न : भगवान विष्णु का जड़ किसको बताया गया है? उत्तर:  धर्म और धर्मोचित कर्म को  ।  संदर्भ : श्रीमद्भागवत महापुराण /प्रथम खंड / सप्तम  स्कन्द / अध्याय २    / श्लोक ११                        280825-1 Video Link: CLICK FOR VIDEOS श्रीमद्भागवत महापुराण  में वर्णित  अन्य प्रश्नोत्तरी के लिए क्लिक करें    द्वारा  अनुज मिश्रा

भगवान का दर्शन किस प्रकार से संभव है?

 प्रश्न : भगवान का दर्शन किस प्रकार से संभव है? उत्तर:  आत्ममंथन के द्वारा ।  संदर्भ : श्रीमद्भागवत महापुराण /प्रथम खंड / सप्तम  स्कन्द / अध्याय १   / श्लोक ९                        240825-1 Video Link: CLICK FOR VIDEOS श्रीमद्भागवत महापुराण  में वर्णित  अन्य प्रश्नोत्तरी के लिए क्लिक करें    द्वारा  अनुज मिश्रा

भगवान विष्णु के पार्षद जय और विजय द्वापर युग में कौन थे?

 प्रश्न : भगवान विष्णु के पार्षद जय और विजय द्वापर युग में कौन थे? उत्तर:  शिशुपाल और दन्तवक्र ।  संदर्भ : श्रीमद्भागवत महापुराण /प्रथम खंड / सप्तम  स्कन्द / अध्याय १   / श्लोक ३२                       180825-1 Video Link: https://youtube.com/shorts/1SM9AOJ_t2E श्रीमद्भागवत महापुराण  में वर्णित  अन्य प्रश्नोत्तरी के लिए क्लिक करें    द्वारा  अनुज मिश्रा

द्वेष या वैर के माध्यम से भगवत प्राप्ति ज्यादा सरल क्यों?

 प्रश्न : द्वेष या वैर के माध्यम से भगवत प्राप्ति ज्यादा सरल क्यों? उत्तर:  मनुष्य वैर भाव से जितना तन्मय होकर ईश्वर को याद करता है उतना भक्तिभाव से नहीं।  संदर्भ : श्रीमद्भागवत महापुराण /प्रथम खंड / सप्तम  स्कन्द / अध्याय १   / श्लोक २६                      170825-1 Video Link: https://youtube.com/shorts/UYS1oxLuGRU श्रीमद्भागवत महापुराण  में वर्णित  अन्य प्रश्नोत्तरी के लिए क्लिक करें    द्वारा  अनुज मिश्रा

भगवान की दृष्टि में भक्ति, भय, स्नेह या कामना में कोई भेद नहीं।

  प्रश्न : भगवान की दृष्टि में भक्ति, भय, स्नेह या कामना में कोई भेद नहीं। उत्तर:  भक्ति से , भय से, स्नेह से या कामना से - जैसे भी हो भगवान में  अपना मन लगा देना चाहिए । भगवान की दृष्टि में इन भावों में कोई भेद नहीं है।  संदर्भ : श्रीमद्भागवत महापुराण /प्रथम खंड / सप्तम  स्कन्द / अध्याय १   / श्लोक २५                     160825-1 Video Link: https://youtube.com/shorts/XOkQWOPoEm8 श्रीमद्भागवत महापुराण  में वर्णित  अन्य प्रश्नोत्तरी के लिए क्लिक करें    द्वारा  अनुज मिश्रा

निंदा,स्तुति, सत्कार और तिरस्कार आत्मा या शरीर का?

 प्रश्न : निंदा,स्तुति, सत्कार और तिरस्कार आत्मा या शरीर का? उत्तर:  शरीर का ही होता है आत्मा का नहीं ।  संदर्भ : श्रीमद्भागवत महापुराण /प्रथम खंड / सप्तम  स्कन्द / अध्याय १   / श्लोक २३                    080825-1 Video Link: https://youtube.com/shorts/ElDj4uUHtB0 श्रीमद्भागवत महापुराण  में वर्णित  अन्य प्रश्नोत्तरी के लिए क्लिक करें    द्वारा  अनुज मिश्रा