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Showing posts from July, 2025

भगवान शनिदेव के भाई और बहन कौन थे?

  प्रश्न : भगवान शनिदेव के भाई और बहन कौन थे? उत्तर:  भाई : सावर्णि , बहन : तपती ।    संदर्भ : श्रीमद्भागवत महापुराण /प्रथम खंड / षष्टम स्कन्द / अध्याय ६ / श्लोक ४१                    080625-1 Video Link: https://youtube.com/shorts/f1BsvAv9cJw श्रीमद्भागवत महापुराण  में वर्णित  अन्य प्रश्नोत्तरी के लिए क्लिक करें    द्वारा  अनुज मिश्रा

विनता पुत्र गरुड़ देव और अरुण देव कौन थे?

 प्रश्न : विनता पुत्र गरुड़ देव और अरुण देव कौन थे?  उत्तर:  गरुड़ देव भगवान विष्णु के वाहन और अरुण देव भगवान सूर्य के सारथि थे।    संदर्भ : श्रीमद्भागवत महापुराण /प्रथम खंड / षष्टम स्कन्द / अध्याय ६ / श्लोक २२                  070625-1 Video Link: https://youtube.com/shorts/Db_j_zqiV9k श्रीमद्भागवत महापुराण  में वर्णित  अन्य प्रश्नोत्तरी के लिए क्लिक करें    द्वारा  अनुज मिश्रा

चाक्षुष मन्वंतर के मनु भगवान चाक्षुष किनके पुत्र थे?

 प्रश्न : चाक्षुष मन्वंतर के मनु भगवान चाक्षुष किनके पुत्र थे? उत्तर:  पिता : भगवान विश्वकर्मा और माता : कृति   संदर्भ : श्रीमद्भागवत महापुराण /प्रथम खंड / षष्टम स्कन्द / अध्याय ६ / श्लोक १५                  060625-1 Video Link: https://youtube.com/shorts/QXMLAS9YI1E श्रीमद्भागवत महापुराण  में वर्णित  अन्य प्रश्नोत्तरी के लिए क्लिक करें    द्वारा  अनुज मिश्रा

शास्त्रों को पिता क्यों बताया गया है?

 प्रश्न : शास्त्रों को पिता क्यों बताया गया है? उत्तर:  शास्त्र ही पिता है क्यों कि दूसरा जन्म शास्त्र के द्वारा ही होता है और उसका आदेश कर्मों में लगना नहीं बल्कि उनसे निवृति होता है।   संदर्भ : श्रीमद्भागवत महापुराण /प्रथम खंड / षष्टम स्कन्द / अध्याय ५   / श्लोक २०                270525-1 Video Link: https://youtube.com/shorts/AJiLlhQ2Srw श्रीमद्भागवत महापुराण  में वर्णित  अन्य प्रश्नोत्तरी के लिए क्लिक करें    द्वारा  अनुज मिश्रा

साधुता (Saintliness) किसे कहा गया है?

 प्रश्न : साधुता (Saintliness) किसे कहा गया है? उत्तर:  दंड देने का सामर्थ्य रहने पर भी दूसरे का किया हुआ अपकार सह लेना ही साधुता है ।  संदर्भ : श्रीमद्भागवत महापुराण /प्रथम खंड / षष्टम स्कन्द / अध्याय ५   / श्लोक ४४                110525-1 Video Link: https://youtube.com/shorts/sO7PsSVUfao श्रीमद्भागवत महापुराण  में वर्णित  अन्य प्रश्नोत्तरी के लिए क्लिक करें    द्वारा  अनुज मिश्रा

ऋषी ऋण, देव ऋण और पितृ ऋण से उद्धार कैसे?

 प्रश्न : ऋषी ऋण, देव ऋण और पितृ ऋण से उद्धार कैसे? उत्तर:  ब्रह्मचर्य से ऋषि ऋण, यज्ञ से देव ऋण तथा पुत्रोत्पत्ति से पितृ ऋण से उद्धार होते हैं ।  संदर्भ : श्रीमद्भागवत महापुराण /प्रथम खंड / षष्टम स्कन्द / अध्याय ५   / श्लोक ३७                100525-1 Video Link: https://youtube.com/shorts/eqAmsFQKl0g श्रीमद्भागवत महापुराण  में वर्णित  अन्य प्रश्नोत्तरी के लिए क्लिक करें    द्वारा  अनुज मिश्रा

मंत्रों का समूह जो अग्नि प्रकट करता है, किस नाम से जाना जाता है?

 प्रश्न : मंत्रों का समूह जो अग्नि प्रकट करता है, किस नाम से जाना जाता है? उत्तर:  याज्ञिक लोग काष्ठ में छुपे हुए अग्नि को 'सामिधेनी' नाम के पंद्रह मंत्रो द्वारा प्रकट करते हैं।  संदर्भ : श्रीमद्भागवत महापुराण /प्रथम खंड / षष्टम स्कन्द / अध्याय ४  / श्लोक २७               060525-1 Video Link: https://youtube.com/shorts/11zp_AZZmfw श्रीमद्भागवत महापुराण  में वर्णित  अन्य प्रश्नोत्तरी के लिए क्लिक करें    द्वारा  अनुज मिश्रा

अनजाने से किए हुए अमृतपान भी फलदाई ही होता है।

 प्रश्न : अनजाने से किए हुए अमृतपान भी फलदाई ही होता है। उत्तर:  जैसे  अनजान में उच्चारण करने पर भी भगवान का नाम अपना फल देकर ही रहता है वैसे ही अगर कोई अमृत को बिना उसके गुण जाने पी ले तो भी उसको आवश्य ही अमर बना देता है।       संदर्भ : श्रीमद्भागवत महापुराण /प्रथम खंड / षष्टम स्कन्द / अध्याय २  / श्लोक १९                                  030525-1 Video Link: https://youtube.com/shorts/1LpsLk4yRsw श्रीमद्भागवत महापुराण  में वर्णित  अन्य प्रश्नोत्तरी के लिए क्लिक करें    द्वारा  अनुज मिश्रा

प्रायश्चित करने के उपरांत भी हृदय की शुद्धि क्यों नहीं ?

 प्रश्न : प्रायश्चित करने के उपरांत भी हृदय की शुद्धि क्यों नहीं ? उत्तर:  प्रायश्चित करने से सिर्फ किये गए पापों से उत्तपन दोष ही नष्ट होते है ह्रदय की शुद्धि नहीं होती ।         संदर्भ : श्रीमद्भागवत महापुराण /प्रथम खंड / षष्टम स्कन्द / अध्याय २  / श्लोक १६ ,१७                                270425-1 Video Link: https://youtube.com/shorts/7v-NnKS3n88 श्रीमद्भागवत महापुराण  में वर्णित  अन्य प्रश्नोत्तरी के लिए क्लिक करें    द्वारा  अनुज मिश्रा

द्वेष या घृणा से किया गया भगवान का जप भी पापों का हरण करने वाला कैसे?

 प्रश्न : द्वेष या घृणा से किया गया भगवान का जप भी पापों का हरण करने वाला कैसे? उत्तर:  भगवान के नाम का जप का गुण ही यही है ।            संदर्भ : श्रीमद्भागवत महापुराण /प्रथम खंड / षष्टम स्कन्द / अध्याय २  / श्लोक ९,१०                                 230425-1 Video Link: https://youtube.com/shorts/4xYeEaVi1J0 श्रीमद्भागवत महापुराण  में वर्णित  अन्य प्रश्नोत्तरी के लिए क्लिक करें    द्वारा  अनुज मिश्रा

मनुष्य किस कर्मों का अनुसरण करते हैं?

 प्रश्न : मनुष्य किस कर्मों का अनुसरण करते हैं? उत्तर:  सत्पुरुष अपने आचरण के द्वारा जिन कर्मों को धर्मानुकूल प्रमाणित कर देते हैं , लोग उसी का अनुसरण करने लगते है।            संदर्भ : श्रीमद्भागवत महापुराण /प्रथम खंड / षष्टम स्कन्द / अध्याय २  / श्लोक ४                                220425-1 Video Link: https://youtube.com/shorts/6fVbdV6TXE8 श्रीमद्भागवत महापुराण  में वर्णित  अन्य प्रश्नोत्तरी के लिए क्लिक करें    द्वारा  अनुज मिश्रा